अप्रैल अंत तक रतलाम मेडिकल कॉलेज की लैब में कोरोना संक्रमित मरीज की जांच होने लगेगी। माइक्रोबायोलॉजी विभाग में शुरू होने जा रही इस लैब को एम्स भोपाल से संबंद्धता मिल गई है। टेक्निकल इनपुट और स्टाफ को ट्रेनिंग वहीं मिलेगी। कॉलेज प्रबंधन ने लैब के लिए उपकरण, जो वर्तमान में उपलब्ध है। उनके सहित लैब के लिए चयनित रूम का वीडियो बनाकर तय प्रपत्र के साथ एम्स भोपाल भेज दिया है।
जानकारी के अनुसार अगले सप्ताह जांच करने वाले 2 साइंटिस्ट और 3 लैब टेक्नीशियन की भर्ती हो जाएगी। 18 अप्रैल को इंटरव्यू है, इसके तीन-चार दिन बाद लैब स्टाफ की नियुक्त हो जाएगी। सिर्फ यही नहीं टेस्टिंग के लिए सबसे महत्वपूर्ण मशीन पॉलीमरेज चेन रिएक्शन टेस्टिंग (पीसीआर) भी 10 दिन में आ जाएगी। विधायक चेतन्य काश्यप के प्रयासों से लैब के लिए 31 मार्च को मंजूरी मिली थी। इसके बाद जगह फाइनल करने से लेकर कॉलेज प्रबंधन प्राथमिकता से लैब स्थापना पर ही काम कर रहा है।
एक किट से हो सकेंगे 200 टेस्ट
लैब स्थापना पर 60 लाख की लागत आएगी। 25 लाख की सिर्फ पीसीआर मशीन आएगी। इसके साथ 2 लाख रुपए की एक किट भी आएगी। इस एक किट से 200 कोरोना संक्रमित मरीजों का टेस्ट किया जा सकेगा। रिपोर्ट भी 7 घंटे में मिल जाएगी। एमजीएम कॉलेज इंदौर से रिपोर्ट आने में 2 से 3 दिन का समय लग रहा है। अब भोपाल से रिपोर्ट आने में एक दिन और ज्यादा लगेगा। मशीन के साथ 6 एयर कंडिशनर सहित अन्य उपकरण लगेंगे।